असम कैश फॉर जॉब स्कैम मामले में 15 अफसर सस्पेंड: दोस्तों आपको बता दे कि असम सरकार ने स्टेट पब्लिक सर्विस कमिशन कैश फॉर जॉब स्कैम मामले में 15 अफसरों को सस्पेंड कर दिया है। इन अफसरों पर 2014 के असम पब्लिक सर्विस कमिशन एग्जाम में पैसे देकर नौकरी पाने का आरोप लगाया गया है।
दोस्तों आपको बता दें कि सस्पेंड हुए अफसरों में 11 लोग असम पुलिस सर्विस और 4 असम सिविल सर्विस में तैनात थे। इनमें दो APS अफसरों को पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया गया था। साथ ही दोनों DSP के पद पर तैनात थे।
आपको बता दें कि राज्य सरकार ने शुक्रवार को सस्पेंशन का ऑर्डर जारी किया। इसमें कहा गया कि इन अधिकारियों के खिलाफ गलत तरीके से नौकरी पाने के आरोप में जांच चल रही है। इन्हें नौकरी पर बनाए रखना गलत संदेश देता है।
पुलिस साल 2016 से अब तक इस मामले में APSC के तत्कालीन चेयरमैन राकेश कुमार पॉल, 50 अफसरों सहित लगभग 70 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
क्या है APSC कैश फॉर जॉब घोटाला
2014 में APSC ने 2013 और 2014 की कम्बाइंड परीक्षा ली थी। तब राकेश पॉल APSC के चेयरमैन थे। आरोप है कि राकेश पॉल ने रिश्वत लेकर कई लोगों को APSC की परीक्षा में पास कराया था।
फाइनल परीक्षा में उन्होंने उम्मीदवारों के नंबर बढ़वाए थे। जिसके आधार पर फाइनल रिजल्ट की घोषणा हुई थी। यह मामला 2016 में सामने आया था। जांच के दौरान APSC परीक्षा में कई गड़बड़ियां सामने आईं।
कॉपी में अभ्यर्थियों की हैंडराइटिंग नहीं मिल रही थी। पता चला कि राकेश पॉल परीक्षा दे रहे एक अभ्यर्थी के पिता के करीबी भी थे।
छह साल बाद पॉल को जमानत मिली
असम की डिब्रूगढ़ पुलिस ने नवंबर 2016 में राकेश पॉल को गिरफ्तार किया था। छह साल जेल में रहने के बाद इस साल मार्च में उन्हें जमानत मिल गई। फिलहाल ये सभी जेल से बाहर हैं।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा इस साल सितंबर में SIT को मामले की जांच सौंपी थी। एडिशनल डीजीपी मुन्ना प्रसाद गुप्ता SIT की अध्यक्षता कर रहे हैं। सरकार ने उन्हें छह महीने के भीतर गुवाहाटी हाई कोर्ट में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
सरकारी कर्मचारी दूसरी शादी करेंगे तो नौकरी खत्म:पति या पत्नी के जिंदा रहते ऐसा नहीं कर सकेंगे
दोस्तों आपको बता दें कि असम में सरकारी कर्मचारियों को दूसरी शादी के लिए अब राज्य सरकार से परमिशन लेनी होगी। राज्य की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने 20 अक्टूबर को सर्कुलर जारी कर इसकी जानकारी दी। सरकार ने इसे फौरन लागू करने का निर्देश दिया।
सर्कुलर के मुताबिक, कोई भी सरकारी कर्मचारी जिसकी पत्नी या पति जीवित हो, वो सरकार की अनुमति के बिना दूसरी शादी नहीं कर सकता। भले ही धर्म या पर्सनल लॉ के तहत उसे ऐसी शादी की अनुमति हो। ऐसा नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।