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आंगनबाड़ी ग्रामीण भारत की जीवन रेखा अभियान कार्यक्रम का हुआ शुरुवात

आंगनबाड़ी ग्रामीण भारत की जीवन रेखा अभियान कार्यक्रम का हुआ शुरुवात


कसडोल: कसडोल ब्लॉक के ग्राम पंचायत कुशभांठा में दलित आदिवासी मंच और आत्मशक्ति ट्रस्ट के तत्वाधान में कुपोषण मुक्त भारत बनाने के लिए आंगनबाड़ी भारत की जीवन रेखा अभियान का शुरुआत किया गया। कार्यक्रम का शुरुआत गांव का सरपंच, मुखिया और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा किया गया। 

पंचायत समितियों के द्वारा बताया गया की कुपोषण को कम करने के लिए गर्भवतियों का टीकाकरण,परिवार भ्रमण बच्चो का टीकाकरण,संस्थागत प्रसव, स्तनपान, के बारे में विस्तार से जानकारी दिया गया। कुपोषण कम करने के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया, किशोरी बालिकाओं को कुपोषण से बचाव के लिए आयरन की गोली लेने का सलाह दिया। 

आंगनबाड़ी में बच्चों को अंडा भी दिया जाता है। प्रतिदिन मेनू अनुसार पका भोजन दिया जाता है। शिशुवती माताओं को टी एच आर दिया जाता है। जिसका सेवन करना चाहिए। देवेंद्र बघेल ने कहा की कुपोषण बहुत सारे समस्या का जड़ है। 

यदि कोई कुपोषण का शिकार होता है तो शरीर का प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, कमजोर शरीर में बीमारी जल्दी आती है जिसके इलाज में धन बर्बाद हो जाता है जिससे गरीबी बढ़ती है इस तरह चक्र चलते रहता है। इस चक्र को तोड़ना जरूरी है इस हेतु सरकार भी बहुत सारी योजना चला रही है जैसे राशन दुकान, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना आदि आदि । लेकिन लोगो में जानकारी के अभाव के कारण इन योजनाओं से वंचित रह जाते हैं। 

इतने सारे योजनाओं के बावजूद आज भी छत्तीसगढ़ में सरकार का आंकड़ा में 33% लोग कुपोषित?

पुनीराम यादव, अमृत, विजय, जीवन, कौशल्या चौहान ने युवाओं को संवेदनशील होकर कुपोषण को खत्म करने के दिशा में दलित आदिवासी मंच के साथ जुड़कर काम करने का आहवान किया। ग्रामीणों में काफी उत्साह देखने को मिला दलित आदिवासी मंच का कार्यक्रम में  पुनिराम यादव, आलेख बाघ,  चुम्मू लाल, उकिया बाई, मंगली बाई, पदमा बाई और गांव से आए मुखिया साथियों को कुपोषण मुक्ति को लेकर गांव में अभियान चलाने का संकल्प लिया और कार्यक्रम का समापन किया गया।

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