Type Here to Get Search Results !

T20 World Cup: रिंकू सिंह अकेले नहीं लक्ष्मण समेत इन दिग्गजों का भी टूटा दिल, नहीं मिली वर्ल्ड कप में जगह

 नई दिल्ली: जब कई बेहतरीन खिलाड़ियों के पूल में से चुनिंदा प्लेयर्स सिलेक्ट करने हो तो चयनकर्ताओं का टास्क बेहद टफ हो जाता है। आईपीएल शुरू होने के बाद से तो टैलेंट की बाढ़ आ चुकी है। भारतीय टीम का चयन करना अब आसान काम नहीं रह गया और जब वर्ल्ड कप जैसे इवेंट के लिए सिर्फ 15 खिलाड़ियों का नाम लेना हो तो सोचिए ये काम कितना मुश्किल भरा होगा। 2 जून से शुरू होने जा रहे टी-20 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम की घोषणा कर दी गई है। लिस्ट में रिंकू सिंह का नाम न देखकर फैंस काफी निराश है। खुद रिंकू का भी दिल टूट चुका है, लेकिन ये कोई पहला मौका नहीं था, जब पूरे साल शानदार प्रदर्शन करने के बाद किसी खिलाड़ी को वर्ल्ड कप में शामिल नहीं किया गया, चलिए आपको पिछले 20 साल के ऐसे ही पांच खिलाड़ियों की लिस्ट बताते हैं, जिनका वर्ल्ड कप में सिलेक्शन न होना, विवाद का विषय बना।

रोहित शर्मा (2011, वनडे वर्ल्ड कप)

रोहित शर्मा (2011, वनडे वर्ल्ड कप)

मौजूदा भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा को भी विश्व कप से पहले रिंकू सिंह की तरह बुरे दौर से गुजरना पड़ा है। भारतीय सरजमीं पर हुए 2011 विश्व कप में रोहित शर्मा स्क्वॉड में जगह पाने के प्रबल दावेदार थे, लेकिन चयनकर्ताओं ने मुंबई के इस बल्लेबाज की जगह एक अतिरिक्त स्पिनर को चुना। इस सेटबैक के बाद रोहित शर्मा ने सोशल मीडिया पर अपनी निराशा भी जाहिर की थी। हालांकि 2013 के बाद से वह भारतीय सेटअप के परमानेंट मेंबर बन गए। मिडिल ऑर्डर छोड़कर ओपनिंग करने लगे और आज उनकी गिनती दुनिया के सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों में होती है। भारत ने 28 साल का सूखा खत्म करते हुए विश्व कप जीता था और फाइनल में श्रीलंका को हराया था।

वीवीएस लक्ष्मण (2003, वनडे विश्व कप)​

वीवीएस लक्ष्मण (2003, वनडे विश्व कप)​

आपको जानकर हैरानी होगी कि स्टाइलिश बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण अपने इतने लंबे करियर में एक भी विश्व कप नहीं खेल पाए। 2003 विश्व कप में वह सिलेक्शन के बेहद करीब थे, लेकिन चयनकर्ताओं ने दिनेश मोंगिया पर भरोसा जताया। साउथ अफ्रीका, जिम्बाब्वे और केन्या की संयुक्त मेजबानी में खेले गए उस विश्व कप से ठीक पहले वीवीएस लक्ष्मण शानदार फॉर्म में चल रहे थे। वेस्टइंडीज के खिलाफ हुई घरेलू वनडे सीरीज में 52 की औसत और तीन अर्धशतक के साथ 312 रन बनाए थे। तब भारत फाइनल तक जरूर पहुंचा था, लेकिन खिताब ऑस्ट्रेलिया ने जीत लिया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.